विदेश

यूक्रेन को हथियार देने का फ्रांस में विरोध:सड़कों पर उतरे हजारों लोग बोले- इससे जंग बढ़ेगी, मदद करना है तो रूस को रोकें

रूस-यूक्रेन जंग के बीच फ्रांस यूक्रेन को हथियार दे रहा है। इस फैसले के लिए अब फ्रांस को अपने नागरिकों का विरोध झेलना पड़ रहा है। पेरिस में हजारों लोग सड़कों पर फ्रांस सरकार के इस फैसले के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।

लोगों का कहना है कि हथियार देने से जंग बढ़ती जाएगी। अगर सरकार मदद करना चाहती है तो उसे रूस को हमला करने से रोकना चाहिए। लोगों ने यूक्रेन के समर्थन में मार्च करते हुए शांति की मांग की। इसी तरह का मार्च जर्मनी के बर्लिन में भी निकाला गया। वहां, लोगों ने रूस से बातचीत करके मसले का हल निकालने की मांग की।

तीसरे विश्व युद्ध की आशंका बढ़ेगी
प्रदर्शन कर रहे लोगों के हाथ में बैनर थे। इस पर लिखा था- फॉर पीस (शांति के लिए), नो टु थर्ड वर्ल्ड वॉर। उनका कहना है कि रूस-यूक्रेन के बीच बातचीत से हल निकलेगा। फ्रांस के हथियार देने से तीसरे विश्व युद्ध की आशंका बढ़ रही है।

विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें देखें…

पेरिस में हजारों लोगों ने यूक्रेन को हथियार दिए जाने का विरोध किया।
लोग यूक्रेन के समर्थन में हैं, लेकिन वो चाहते हैं कि उसे हथियार न दिए जाएं और जंग खत्म की जाए।
लोग यूक्रेन के समर्थन में हैं, लेकिन वो चाहते हैं कि उसे हथियार न दिए जाएं और जंग खत्म की जाए।
लोगों की मांग है यूक्रेन की मदद करने वाले देश रूस से जंग खत्म करने के लिए बात करें।
लोगों की मांग है यूक्रेन की मदद करने वाले देश रूस से जंग खत्म करने के लिए बात करें।

NATO छोड़े फ्रांस : प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारियों के हाथ में कई बैनर थे। इनमें से एक में लिखा- लेट्स क्विट नाटो। एक प्रदर्शनकारी ने कहा- फ्रांस को नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) छोड़ देना चाहिए। NATO यूरोप और उत्तरी अमेरिकी देशों का एक सैन्य और राजनीतिक गठबंधन है। इसमें अमेरिका का ज्यादा दबदबा है। प्रदर्शकारियों का कहना है कि फ्रांस आंख बंद करके अमेरिका का समर्थन करता है। अमेरिका के बाद फ्रांस और अन्य यूरोपीय देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए थे। इनका कोई असर नहीं हुआ।

प्रदर्शनकारियों ने NATO का विरोध करते हुए इसका झंडा फाड़ दिया।
प्रदर्शनकारियों ने NATO का विरोध करते हुए इसका झंडा फाड़ दिया।

लोगों का कहना है कि नाटो को कोल्ड वॉर के समय खत्म कर दिया जाना चाहिए था। NATO की वजह से जंग शुरू होती है। नाटो चीन को अपने अगले दुश्मन के रूप में देखता है और हमेशा चीन-ताइवान के मुद्दे को हवा देता है।